रिश्ते"
कुछ रिश्ते हैं जो खास है , कुछ अपने मेरे पास है
कुछ रिश्तों ने खामोश किया
अब तो सिर्फ मेरे अपनों से ही आस है !
बनाया जिसे मैंने अपना था उसने तोड़े
विश्वास है
खेला खूब है मेरे जज्बातों से पर उसको नहीं एहसास है !
कुछ हाथों से छुट गए कुछ धीरे - धीरे रूठ गए
कुछ पहेनकर शरीफ का मुखौटा
आकर जिंदगी में सबकुछ मेरा लूट गए !!
@sirftum.ap
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