एहसास दिल की"

दिल्लगी थी या फिर दिल कि लगी थी मेरी 
कंहा तुम समझ पाए !
आवाज़ मेरी हंसी के साथ रोने की भी सुनी 
नमी मेरे आँखों की 
कंहा तुम समझ पाए !!
                    @surftum.ap

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