यादें "

"बहुत चुभती है उनकी बातें , उनके वादे 
आंसुओं के पैमाने तक !
बिखरती है उम्मीदें , उनकी यादें 
साझी नज्म के जमाने तक !
इश्क़ ,मोहब्बत ,प्यार और जवानी है 
सिर्फ नासमझी के हर्जाने तक !
सच्ची बातें सवार होती है झूठी कश्ती में 
हर तर्क के मर जाने तक "!!
                                  @sirftum

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