सिर्फ तुम"
"मेरे सहमे हुए दिल से लेकर खुलकर हँसने तक के सफर में
सिर्फ तुम थे !
फिर मुझे रुलाना जरूरी था क्या ?
मेरे प्यार की हर पल की खुशियों में जिससे मैंने उम्मीद लगाया
सिर्फ तुम थे !
फिर उम्मीदों को तोड़ना जरूरी था क्या ?
तुम्हारा तुम ही जानो पर हम जिसके बीना रह नहीं पाते
सिर्फ तुम थे !
फिर ये बेरुखी से मुँह मोड़ना जरूरी था क्या ?"
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