ख्वाहिशें "

"देखा है अक्सर सिमटते हुए 
बहकती तमन्नाओं को तहजीब के दायरे में !
वरना 
यूँ ही इश्क़, अरमान, और ख्वाहिशें 
कभी बेज़ुबान नहीं होती" !!
                               @Sirftum

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